एक बार की बात है, एक सेठ शहर के सबसे बड़े जमींदार दौलतराम के पास आये । उनका मकसद दौलतराम से जमीन का एक बड़ा सौदा करना था । रेलगाड़ी से उतरकर उन्होंने रेलवे स्टेशन से दौलतराम जमींदार के घर तक जाने के लिए एक गाड़ी कर ली । गाड़ी वाले ने उन्हें जमीन्दार के घर भी पंहुचा दिया । सेठ ने जब दौलतराम को पैसे देने के लिए अपनी अटेची ढूंढ़ी तो अटेची थी ही नहीं । सेठ के चेहरे पर हवाइया उड़ने लगी । तभी गाड़ी का चालक दरवाजे पर अटेची लेकर आगया । सेठ की जान में जान आई । सेठ ने गाड़ी चालक से पूछा - इसमें लाखो रुपये थे, क्या तुम्हारा मन नहीं डोला ? गाड़ी चालक बोला - नहीं, बेईमानी करने का मौका सबको मिलता है । मैंने इसे नहीं लिया । अगर आज इसे में रख लेता तो सभी गाड़ी वाले बदनाम हो जाते । यह नुकसान काफी बड़ा होता । सेठ को उस चालक की ईमानदारी और बात अंदर तक छू गई |
जीवन मंत्र - ईमानदारी सिर्फ आपकी ही नहीं अपितु आपके द्वारा पुरे समाज की इज़्ज़त बढती है । इसलिए ईमानदारी बरतना आवश्यक है |
No comments:
Post a Comment
Please comment if you find something good.