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Wednesday, 25 January 2017

सेब और बेटी


एक बार की बात है, एक आदमी अपनी बेटी के साथ शाम को घूम रहा था | तभी वहां एक सेब बेचने वाला आया |  बेटी ने अपने पिता को सेब दिलाने को बोला तो पिता ने बेटी को दो सेब दिला दिए | बेटी ने अपने दोनों हाथों में एक एक सेब ले लिया | फिर पिता ने अपनी बेटी से पूछा कि क्या वह उसके साथ एक सेब बाँट सकती है ? यह सुनते ही बेटी ने सेब का एक टुकड़ा खा लिया । इससे पहले की पिता कुछ बोलते, बेटी ने दूसरे सेब का टुकड़ा भी खा लिया | यह देख पिता को बहुत दुःख हुआ और वह सोचने लगा की शायद उसने अपनी बेटी को गलत संस्कार दिए है तभी वह इतना लालच दिखा रही है | वह यह सोच ही रहा था की तभी बेटी ने उसकी तरफ एक सेब बढ़ाते हुए कहा की पापा, आप यह सेब खाओ, यह ज्यादा मीठा और रसीला है |  यह सुनते ही पिता से कुछ कहते नहीं बना । उसे बुरा लगा की उसने बिना सोचे समझे अपनी बेटी के बारे में गलत राय बना ली | हालाँकि वह अपनी बेटी का अपने प्रति इतना प्यार देख कर भीतर से खुश भी था |

मंत्र - बिना सोचे समझे कभी भी जल्दबाजी में आकर किसी भी नतीजे पर न पहुँचे । 

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